Friday, October 29, 2021

राष्ट्रीय एकता दिवस

 

                         National Unity Day 2021 
                              Sunday, 
31 October
राष्ट्रीय एकता दिवस
Sardaar Vallabhbhai Patel

देश भर में प्रतिवर्ष  31 अक्टूबर को  ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ (National Unity Day) मनाया जाता है। इस वर्ष 2020 को  यह पूरे भारत में लोगों द्वारा शनिवार, 31 अक्टूबर को 
सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144 वीं जयंती के उपलक्ष्य मनाया जाएगा। वर्ष 2016 में इस दिवस का मुख्य विषय-‘भारत का एकीकरण’ था।
 सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में और 560 रियासतों से भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री थे. पटेल के राष्ट्र को एकजुट करने के प्रयासों को स्वीकार करने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day)  मनाया जाता है.
सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को नाडियाड, गुजरात में हुआ था। भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने
 बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए सरदार पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है।




इस दिन का उद्घाटन 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके और नई दिल्ली में रन फॉर यूनिटी नामक कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाकर किया गया था। पटेल की 143 वीं वर्षगांठ पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी (Statue of Unity) का उद्घाटन किया. यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है जिसकी ऊंचाई 182 मीटर (597 फीट) है. यह केवड़िया कॉलोनी में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के सामने स्थित है.

एकता की मूर्ति (Statue of Unity)


इस आयोजन को शुरू करने का उद्देश्य देश के लिए उनके असाधारण कार्यों को याद करके उनकी जयंती पर महान व्यक्ति, सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देना है। उन्होंने भारत को एकजुट रखने में वास्तव में कड़ी मेहनत की थी।
भारत एक ऐसा देश है जहाँ लोग विभिन्न धर्म, क्षेत्र, संस्कृति, परंपरा, नस्ल, जाति, रंग और पंथ के लोग एक साथ रहते हैं। इसलिये, राष्ट्रीय एकीकरण बनाने के लिये भारत में लोगों का एकीकरण जरूरी है। एकता के द्वारा अलग-अलग धर्मों और संस्कृति के लोग एक साथ रहते हैं, वहाँ पर कोई भी सामाजिक या विचारात्मक समस्या नहीं होगी।

 लौह पुरुष से जुड़े कुछ तथ्य- 
1. गांधीजी की इच्छा का सम्मान करते हुए सरदार पटेल ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को दूर रखा और पं. नेहरू का समर्थन किया।   
2. गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल की पहली प्राथमिकता देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाना था।
3. सरदार पटेल ने हैदराबाद के विलय के लिए ऑपरेशन पोलो चलाया था।   
4. पहले हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय से इंकार कर दिया था।   
5. जिस समय हैदराबाद के विलय की कार्रवाई की गई, उस समय पंडित नेहरू देश में नहीं थे। 
 
6. सरदार ने नवंबर 1950 में पंडित नेहरू को पत्र लिखकर भारत के उत्तर में चीन के संभावित खतरे के बारे में आगाह किया था।
 
7. 1909 में पटेल की धर्मपत्नी का हॉस्पिटल में एक ऑपरेशन के दौरान देहांत हो गया। जब पटेल को यह समाचार दिया गया, तब वह अदालत में जिरह कर रहे थे। इसके बाद भी उन्होंने अपना काम जारी रखा। अदालत की कार्रवाई समाप्त होने के बाद ही उन्होंने अन्य लोगों को यह खबर बताई।
 
 
8. सरदार पटेल का महात्मा गांधी से बेहद लगाव था। जब महात्मा गांधी की हत्या की गई तब इस खबर को सुनकर पटेल की सेहत भी खराब रहने लगी। यहां तक कि गांधीजी की मौत के दो महीने बाद ही उन्हें हार्ट अटैक भी हुआ।


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