Tuesday, July 20, 2021

उमाशंकर जोशी

 

                 उमाशंकर जोशी

                          गुजराती साहित्यकार, कवि एवं लेखक
                          (जन्म: 21 जुलाई, 1911)




उमाशंकर जोशी सदी के गुजराती काव्य के प्रमुख कवि एवं निबंधकार माने जाते हैं । इनका जन्म सन् 1911 ई० में गुजरात में हुआ था । सन् 1988 में इनका निधन हो गया था ।
 1967 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इनके द्वारा रचित एक समालोचना कविनी श्रद्धा के लिये उन्हें सन् १९७३ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (गुजराती) से सम्मानित किया गया।

साहित्यिक विशेषताएँ – श्री जोशी ने बीसवीं शताब्दी की गुजराती कविता को नई दिशा प्रदान की है । उन की कविता में नया स्वर है और नई शैलियां हैं । वे परंपरा से जुड़कर भारतीय जीवन मूल्यों की स्थापना करना चाहते हैं । वे भारतीय रंगों से पूरी तरह रंगे हुए हैं । कवि ने अपनी कविताओं के माध्यम से पाठक को प्रकृति के विभिन्न रंगों से परिचित कराया है । उन्होंने प्रकृति को नई शैली के माध्यम से व्यक्त किया है । उन्होंने साहित्य की अन्य विधाओं पर अपनी लेखनी चलाई है और उन्हें विकसित होने में सहायता दी है । इनका संबंध भारतीय स्वतंत्रता की लड़ाई से भी रहा है इसलिए उन विचारों की छाप इनकी कविता पर स्पष्ट रूप से है । उन्होंने आजादी की लड़ाई के दौरान कई बार जेल यात्रा भी की थी ।

कवि छायावादी काव्यधारा से गहरे प्रभावित हैं । गुजराती होने के कारण इन्होंने प्रादेशिकता के प्रभाव को अपनी कविता में प्रस्तुत किया है । इन्होंने मानवतावाद, सौंदर्य और प्रकृति चित्रण पर विशेष रूप से लेखनी चलाई है । अपनी भावना प्रधान कविता में इन्होंने कल्पना को इस प्रकार संयोजित किया है कि विचार मानव जीवन के लिए ठोस आधार के रूप में प्रस्तत हो पाने में समर्थ सिद्ध हुए हैं – कल्पना के रसायनों को पी कर बीज गल गया है, नि:शेष शब्द में अंकुर फूटे, पल्लव पुण्यों से नमित हआ । स्पष्ट रूप से इनकी कविता पर प्रगतिवादी काव्यधारा का सीधा प्रभाव नहीं है पर मानवी जीवन की पीडा से ये निश्चित रूप से प्रभावित हुए हैं । इन्हें समाज में प्रभावित कर कविता लिखने की प्रेरणा ही थी ।

  • छोटा मेरा खेत चौकोना
  • कागज़ का एक पन्ना,
  • कोई अंधड़ कहीं से आया
  • क्षण का बीज वहाँ बोया गया ।

भाषा – शैली – इनकी कविता में खडी बोली की प्रधानता है जिसमें तत्सम और तद्भव शब्दों का सहज समन्वित प्रयोग किया गया है । अंधकारों की योजना आयास है ।

















4 comments:

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  2. अभिवादन के साथ सूचना है कि-
    आरोह के ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षाओं के लिए निर्धारित संस्करण में क्रमशः
    हरिवंश राय बच्चन,
    आलोक धन्वा,
    कुवँर नारायण
    शमशेर बहादुर सिंह
    अवतार सिंह पाश
    अक्क महादेवी
    गोस्वामी तुलसीदास जी
    महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
    महादेवी वर्मा
    कृष्णनाथ
    ओम थानवी
    मनोहर श्याम जोशी
    आनंद यादव
    एन फ्रैंक ..अ डायरी ऑफ अ यंग गर्ल
    अनुपम मिश्र
    कुमार गंधर्व
    बेबी हालदार
    गजानन माधव मुक्तिबोध
    आदि लेखक और कवि हैं।

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  3. ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों से कहना है कि आप जितना हो सके पढ़ें...पढ़ने से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। आत्मविश्वास ज्ञान और शक्ति के साथ सबसे बड़ा सहायक है एक डायरी बनाएँ और कुछ लिखना भी शुरू करें। छोटे छोटे वाक्यों में अपने अनुभव लिखें। समाचार लिखें। राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं और डिवेलपमेंट पर अपनी राय रक्खें और अपने तर्क भी।
    समय बहुत तेजी से गतिमान है। एक भी पल सेकेंड या क्षण नहीं रुकता समय। सतत अनवरत गतिशील है। अतः जग जाओ और जुट जाओ।
    चरैवेति चरैवेति....उपनिषद कहते हैं कि चलते रहो चलते रहो....चलते रहना जीवन है ठहर जाना मृत्यु है।

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